भृगु ज्योतिष में रतन टाटा जी का निधन का विस्लेशन

भारत का अग्रणी उद्योगपति रतन टाटा जी निधन पर भारतीय उद्योग जगत सुनसान सा हो गया है !आइए रतन टाटा जी की अकस्मात् निधन का भृगु ज्योतिष में श्री र जी राव पद्दति से विस्लेशन करे

रतन टाटा जी का जनम २८ -१२-१९३७ को ६:३०बजे,Mumbai मे सुबह हुआ था !

भृगु ज्योतिष में सिर्फ गृह का योग और उनकी कार्यतत्व को लिया जाता है !

रतन टाटा जी की कुंडली में चन्दर्मा तुला में ,राहु वृश्चिक में ,शुक्र ,सूरज। वक्री बुध धनु में ,बृहस्पति नीच का मकर में ,मंगल कुम्भ में ,शनि मीन में !

श्री रतन टाटा जी का निधन ९-१०२०२४ को हुआ था !

उस दिन को गोचर में चार मुख्या गृह शनि कुम्भ में वक्री ,बृहस्पति वृष में वक्री ,सूरज कन्या में और चन्दर्मा धनु में विराज मन था

मुख्य गृह का समहयोग

१]बृहस्पति+मंगल+केतु का जोकि २,१०,११ राशि में विराजमान है

इसमें बृहस्पति जीव करक,मंगल परेशानी रूकावट ,केतु रोग का करक है !

९-१०-२०१४ को रतन टाटा का निधन के दिन का गोचर में बृहस्पति वृष राशि में ऊपर वाला गृह योग को एक्टिवटे कर रहा था !

गोचर का वृष राशि का बृहस्पति का कुंडली का राशि स्वामी शुक्र वृष राशि से अष्टम भाव में सूरज और वक्री बुध का सात विराजमान है

जोकि सुबह नहीं है !

२] गृह का दूसरा समयोग मंगल +चन्दर्मा का ३,७,११ राशि में बन रहा है !मंगल के अभिप्रय बिघन बाधा और चन्दर्मा बीमारी और स्थिति में परिवर्तन के धोतक है !

शनि रतन टाटा के निधन के दिन कुंभ में वक्री था और ऊपर वाला नो २ त्रिकोण को एक्टिवटे कर रहा था!

३]रतन टाटा जी की कुंडली में शनि और बृहस्पति के राशि परिवर्तन !जिस कारन से बृहस्पतिअपनी राशि मीन में अंतिम समय में फल दे

गा!रतन टाटा अपना अंतिम समय में बहुत धार्मिक और घंभीर प्रकृति के हो गया थे!

गोचर के राहु मीन राशि में १२:२२ पर थे। कुंडली के बृहस्पति की डिग्री ८:४४ है !साफ है राहु जोकि ९-१०-२०२४ जीव बृहस्पति को निगलने मीन राशि में अग्रसर है !

४]गोचर के सूरज ९-१०-२०२४ को कन्या राशि में २,६,१० राशि संयोग को एक्टिवटे किये है !

५]गोचर के चन्दर्मा धनु राशि में ९-१०-२०२४ को गोचर के बृहस्पति से अष्ठम में और जनम के बृहस्पति से १२ भाव में विचरण कर रहा है !