भृगु संहिता से निकाला गया कथा वाचक बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री का फलादेश !
यह जातक चंचल स्वाभाव वाला है ! इस जातक की जिंदगी में २ बड़े अल्प [परेशानी ] आ सकते हैं पहला अल्प १-३० के बीच में और दूसरा अल्प ६०से ९० साल के बीच में आएगा ! पहले अल्प के बाद जातक को ऐसा लगा कि उसका नया जन्म हुआ है! यह जातक अपनी परिवार की जिम्मेदारी उठाने वाला है! यह जातक आध्यात्मिक जगत में बहुत नाम कमाएगा और बुरी शक्तियों का नाश करेगा
धीरेंद्र शास्त्री के जीवन सम्बंधित घटनाक्रम ;-
१] १से ४ साल में मानसिक विकास बहुत अच्छा हुआ !
२] ३ से ५ साल के बीच पिता को कष्ट हुआ !
३] ४,५,६,७ साल में आर्थिक तंगी रही और विपन्नता के बादल घिर आये !
४] ८,९,१० माता के परिवार की तरफ से मदद मिली !
५] ११,१२,१३ में आर्थिक विपन्नता ,परिवार में बहुत कष्ट रहा !
पिता को भी कष्ट रहा
६] १३,१४,१५,१६ साल में आध्यात्मिक रूचि जागी !
७] पढाई भी की!
८] १७ से २० साल के बीच आध्यात्मिक लोगो से मुलाक़ात बढ़ी!
तथा इन् सालो में कथा आदि कार्यो में सलग्न हो गए!
९] २१२,२२,२३ साल में गुरु की प्राप्ति हुई !
१०] २१ ,२५,२६ में सिद्धि प्राप्त हुई !लोगो का साथ मिला !
११] २६ २७ में विवाद भी जुड़ा!
१२ ] २८,२९,३० में शादी होगी तथा वह बहुत सुन्दरतथा सुशील
होगी ! पुत्र रत्न की प्राप्ति इन सालो में होगी
१३] ३ १-३५ के बीच कथा वाचन का कार्य खूब चलेगा ! देश -,विदेश कि यात्राएं खूब होगी ! राजनैतिक विरोधी भी बढ़ेंगे
१४] ३७-३८ भौतिक लाभ भी बढ़ेंगे !
१५ ] ३९-४० में शारीरिक कष्ट भी हो सकते हैं यह कष्ट कुछ पूर्व जन्म के पाप कर्मो के कारण हो सकते हैं !
१ ] ४१-४३ के बीच कथा वाचन थोड़ा कमजोर पड़ सकता है !
१७] ४५-४६-४७ में सिद्धि में भी थोड़ी कमी आ सकती है
१९] ४६ से ४९ के बीच में हनुमान जी की कृपा से पूर्ण सिद्धि प्राप्त हो!
२०] ५१से ५४ शरीर में रोग और व्याधियां उत्त्पन्न हो सकती हैं !वैद्य भी इन व्याधियों को पूरी तरह शांत न कर पाएं , अगर विष्णुसहत्रनाम का जाप करें तोह आवश्य ही लाभ प्राप्त हो!
२१] ५६,५७,५८ में संतान का पूरा साथ मिले!
२२] ५९,६० में कथा वाचन का काम खूब चलेगा
२३] ६२-६४ में विर्रक्ति हो सकती है !सन्यास की भी इच्छा पैदा हो सकती है !
२४] हनुमान जी की एकांत भक्ति करेंगे !
२५ ] ६५-६७ में वायु रोग पैदा होने के योग बन रहे हैं जिसके कारण हड्डियों में दर्द रह सकता है
२६] ६७-६८ में संतान कथा वाचन का कार्य आगे बढ़ाएगी !पत्नी को शरारीरिक कष्ट भी हो सकता है !
२७] ७० वर्ष में खुद को भी कष्ट हो सकता है ! ७१, ७२ में खूब विदेश यात्रा के अच्छे योग बन रहे हैं !
२९] ७२ से ७५ में कथा वाचन में खूब नाम कमाएंगे
राजा से अच्छे सम्बद्ध रहेंगे ! संतान भी पूरा साथ निभाएगी
२९] ७७ -७८ में सन्यास ले लेंगे !
३०} ७९-८० अपनी सिद्धियों से लोगो की खूब मदद करेगा !
भृगु संहिता का कुंडली फल निकाला जा सकता उसके लिए सम्पर्क करे मोबाइल नं _9818358290 व्हाटस अप्प करे! इसमें भृगु शुक्र संवाद होगा! जिसमे पूर्वजन्म ,इस जनम ,तथा अगले जनम का भी वृतांत होता है