भृगु संहिता में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का कुंडली विश्लेषण
यह जातक तीक्षण बुद्धि , तेजस्वी ,बचपन से ब्रह्मचर्य का पालन करने वाला और भोलेनाथ का भक्त है। बचपन से आर्थिक विपन्नता ,का सामना करना पढ़ा ! माता और पिता
का लाड़ला पर माता का अधिक लाडला और निकट सहयोगी है! जीवन में एक अलप बचपन में १ से १२ वर्ष के बीच आय। इसके उपरांत मन में समुद्र की लहरों की तरह तरंगे उठती !ये व्यक्ति शांत स्वभाव का है !शुरू में आर्थिक विपन्नता से घिरा रहा ! ये जातक अपने पिता की मदद करना चहता था पर वह इच्छा पूर्ण नहीं हुई !ईश्वर की कृपा के कारण अपने पथ पर आगे बढ़ता चला गया!
१] १ से ३ वर्ष सामन्य रहे!
२] ४ से ५ वर्ष में स्वाभाव में उग्रता बढ़ती चली गई
३] ६से १० वर्ष के मध्य मित्रौ के साथ खेल कूद में समय व्यतीत किया !
४] ७,८,९ में पिता को काफी कष्ट हुआ और माता को भी आंशिक कष्ट हुआ
५] ९से १३ वर्ष में विद्या अर्जन करने और खेल कूद में सामान्य समय बीता !
६] १४से १६ में विद्या प्राप्ति हुई और उसके बाद अध्यात्म की और आकर्षित हुए!
७] ११ से १४ के बीच पिता के व्यवसाय में हाथ बटाया !
८ ] ८ से २० साल के बीच आर्थिक कष्ट भी रहे!
९] २० से २१ वर्ष के बीच घर में निर्माण कार्य भी हुआ
१०] २१ से २४ के बीच दक्षिण दिशा की और मुड़ा इसके अलावा सनातन धर्म की और आकर्षित हुआ !
११] इन्ही वर्षों के बीच राजनैतिक विचार धरा की ओर आकर्षित हुए ।
१२ ] २५ से २७ हाथ में कोई काम नहीं था और समय ठीक नहीं था !
१३ ] २८ से २९ वर्ष में राजनैतिक दिशा मिली !
१४] ३१ से ३५ वर्ष के समय सामान्य गुजरा !
१५] ३६ ,३७,३८ में बहुत यात्राएं की !
१६] ३९ ,४० में दुःख और विषाद भी रहे !
१७] ४१,४२,४३ वर्ष सामान्य रहे !
१७] ४५,४६,४७ पिता को कष्ट रहे !
१८] ४७-४८ वर्ष सामान्य रहे !
१९] ४९ वर्ष घूमने में व्यतीत हूआ!
२०] ५१ ,५२ जिम्मेदारी का पहाड़ सर पर आ गया !
२१] ५२ वे साल कुछ कष्ट भी रहे !
१३] ५३,५४ वर्ष में सर पर बहुत जिम्मेदारी रही !
१४] राजनैतिक विरोधी ने नाक में दम कर रखा था !
१५] ५६,५७ साल में बहुत कष्ट रहे!
१६] ५४,५८,५९ में बहुत अधिक जिम्म्मेदारी भी रही और कष्ट रहे और प्रभु महाकाल को स्मरण करते रहे और जिम्मेदारी निभात्ते चले गए !
१७] ६१,६२,६३ तक सब सामान्य रहा ! जिम्म्मेदारी अधिक थी साथ में महाकाल की भक्ति में मस्त रहे !
१८] ६४ में स्थान परिवर्तन के साथ जिम्म्मेदारी निभाते चले गए !संबधित लोग आगे बढ़ते चले गए तथा दुश्मन भी बढे !
१८] ६४,६५,६६,६७,६८ तक अपने कर्म करते चले गए ,पीछे मुड़ के नहीं देखा ,विदेशो में भी खूब नाम हुआ !दुश्मन भी बढे !
१९] ६८ के उपरांत भारी जिम्म्मेदारी बढ़ गई!
२०] ७० के उपरांत महामारी आयी ! महाकाल की कृपा से इसमे से भी देश को निकाल ले गए !
२१] ७१,७२,७३ में भी इस महामारी को दूर करने के लिए दिन रात एक कर दी
२२] ७४ ,७४ में शत्रु सक्रिय हुए ! !७४ ,७५ में महाकाल द्वारा इन्हे बढ़ी जिम्मेदारी दी गयी है
२३] ७५,७६ में कुछ कष्ट भी हो सकते है पर यह अपनी समझदारी और काबलियत से उस कष्ट से भी निकाल देंगे !
२४] ७६,७७ में सनातन धर्म पर हमला होगा पर यह इस समस्या से भी देश को निकाल देंगे !
२५} ७९,८० में फिर देश की जिम्म्मेदारी आएगी जिसमे यह देश को आगे लेकर जाएंगे !
२६] ८१,८२,८३ में जीवन ,सत्ता का सुख भोगेंगे लेकिन काफी कठिनाई का सामना भी करना पढ़ेगा !
देश की भागॊलिक स्थिति में भी परिवर्तन होगा !
२७]८४,८५ में नए राष्ट्र का निर्माण करेंगे जिसमें सनातन धर्म का बोल बाला होगा!
२८]८६,८७ साल में सत्ता में राज करेंगे और देश बहुत तरक्की करेगा !इस समय देश के निर्माण में इनका बहुत योगदान होगा और सनातन धर्म बहुत बढ़ेगा ! राष्ट्र अधिक जमीन अधिकृत करके एक आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा !
२९] ९० के उपरांत ये जीवन से सन्यास ले लेंगे